Priyanka bishnoi sdm death reason|प्रियंका बिश्नोई SDM की मौत का कारण: 'ब्रेन एन्यूरिज्म' और मेडिकल लापरवाही पर उठा सवाल

Priyanka bishnoi sdm death reason|प्रियंका बिश्नोई SDM की मौत का कारण: ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ और मेडिकल लापरवाही पर उठा सवाल

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राजस्थान की युवा और होनहार अधिकारी Priyanka bishnoi का अचानक निधन एक गहरी चिंता का विषय बन गया है। उनकी मृत्यु के कारणों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिनमें ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ प्रमुखता से सामने आ रहा है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि क्या है ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’, कैसे यह प्रियंका बिश्नोई की मौत का संभावित कारण बन सकता है, और इस घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल करेंगे।

Priyanka bishnoi कौन थीं?

प्रियंका बिश्नोई एक सहायक कलेक्टर (SDM) के पद पर राजस्थान के जोधपुर में तैनात थीं। अपनी सशक्त नेतृत्व और जिम्मेदारी के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया था। लेकिन अचानक हुई उनकी मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया। प्रियंका बिश्नोई की मौत 14 दिनों तक कोमा में रहने के बाद अहमदाबाद के एक अस्पताल में हुई। उनके परिवार का आरोप है कि जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में पेट की सर्जरी के दौरान गलत एनेस्थीसिया देने से यह घटना हुई।

क्या है ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’?

‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसमें मस्तिष्क की धमनियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। यह सूजन धीरे-धीरे बढ़ सकती है और बिना किसी चेतावनी के धमनी को फाड़ सकती है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव हो जाता है। इसे ब्रेन हैमरेज के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में मरीज को अचानक तेज सिर दर्द, बेहोशी या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

ब्रेन एन्यूरिज्म के लक्षण और कारण

ब्रेन एन्यूरिज्म के कई लक्षण होते हैं, जो अचानक महसूस हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • अचानक बहुत तेज सिर दर्द
  • धुंधली दृष्टि या डबल विजन
  • गर्दन में अकड़न
  • उल्टी या मतली
  • बेहोशी

यह स्थिति आनुवांशिक हो सकती है या उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन जैसी जीवनशैली से संबंधित कारणों से भी विकसित हो सकती है।

Priyanka bishnoi के निधन में ब्रेन एन्यूरिज्म की भूमिका

Priyanka bishnoi के निधन के मामले में, अहमदाबाद अस्पताल में किए गए सीटी स्कैन में पाया गया कि उनके दिमाग में Arteriovenous Malformation (AVM) हो गया था। यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क की नसें उलझ जाती हैं और उनमें से कोई एक फट जाती है, जिससे खून बहता है। यह भी संभव है कि इस स्थिति ने प्रियंका के ब्रेन में रक्तस्राव का कारण बना हो, लेकिन वसुंधरा अस्पताल का दावा है कि प्रियंका की स्थिति ऑपरेशन के बाद बिगड़ी नहीं थी, बल्कि अहमदाबाद ले जाते समय खराब हुई।

वसुंधरा अस्पताल की भूमिका पर संदेह

Priyanka bishnoi के परिवार ने वसुंधरा अस्पताल पर गलत एनेस्थीसिया देने का आरोप लगाया है, जिससे वह कोमा में चली गईं। परिवार का दावा है कि पेट की सर्जरी के दौरान उन्हें दिया गया एनेस्थीसिया ओवरडोज़ था, जो उनकी मस्तिष्क की नसों पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, वसुंधरा अस्पताल के निदेशक डॉ. संजय मकवाना ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि प्रियंका की सर्जरी सफल रही थी और कोई एनेस्थीसिया या ब्लीडिंग से संबंधित समस्या नहीं थी।

क्या है Arteriovenous Malformation?

AVM एक गंभीर स्थिति होती है जिसमें मस्तिष्क की धमनियों और नसों के बीच असामान्य कनेक्शन बन जाते हैं। यह स्थिति जन्मजात होती है और इसके कारण मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है। प्रियंका बिश्नोई के केस में यह बताया गया कि ऑपरेशन के बाद उनके दिमाग की नसें फट गईं, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।

Priyanka bishnoi sdm biography | जीवन परिचय | प्रेरणा और संघर्ष

जिला कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी

प्रियंका बिश्नोई की मौत के बाद जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने वसुंधरा अस्पताल की भूमिका की जांच के लिए 5 सदस्यों की एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी की अध्यक्षता एस. एन. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत करेंगी। यह कमेटी अस्पताल में हुई सर्जरी और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की भी जांच करेगी।

ब्रेन एन्यूरिज्म और AVM: कैसे बचाव संभव है?

हालांकि ब्रेन एन्यूरिज्म और AVM जैसी स्थितियां बेहद दुर्लभ होती हैं, लेकिन कुछ सावधानियों से इनसे बचा जा सकता है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना, धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना, और समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करवाना इनके जोखिम को कम कर सकता है। यदि परिवार में किसी को ब्रेन एन्यूरिज्म या AVM की समस्या रही हो, तो अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।

चिकित्सा लापरवाही: कैसे रोक सकते हैं?

चिकित्सा लापरवाही के आरोप अक्सर संवेदनशील मामलों में उठते हैं, खासकर जब किसी व्यक्ति की असामयिक मृत्यु हो जाती है। ऐसे मामलों में अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों को पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए। मरीज के परिवार को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए और सर्जरी या उपचार के दौरान हर कदम पर सहमति ली जानी चाहिए। साथ ही, चिकित्सा जांच की प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन करना चाहिए।

निष्कर्ष

प्रियंका बिश्नोई की मृत्यु ने न केवल उनके परिवार को गहरा धक्का दिया है, बल्कि समाज में चिकित्सा लापरवाही और दुर्लभ बीमारियों जैसे ‘ब्रेन एन्यूरिज्म’ और AVM के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई है। इस मामले की जांच चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि प्रियंका की मृत्यु का सही कारण जल्द ही सामने आएगा। उनकी असामयिक मौत ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सही समय पर सही चिकित्सा ध्यान न दिया जाए, तो जीवन पर कितना बड़ा खतरा हो सकता है।

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