Priyanka Bishnoi का नाम राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में एक प्रेरणास्रोत के रूप में जाना जाता है। उनकी कहानी न सिर्फ एक सरकारी अधिकारी के रूप में उनकी उपलब्धियों की है, बल्कि संघर्ष और समर्पण की भी है, जिसने उन्हें महिलाओं के लिए एक आदर्श बना दिया। इस लेख में, हम प्रियंका बिश्नोई के जीवन परिचय, शिक्षा, करियर और उनके असामयिक निधन की दुखद कहानी को विस्तार से जानेंगे। आइए जानें, वह कौन थीं और कैसे उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई।
प्रियंका बिश्नोई कौन हैं? (Who is Priyanka Bishnoi)
Priyanka Bishnoi, राजस्थान के बीकानेर जिले की निवासी थीं। उनका जन्म 8 अगस्त 1991 को बीकानेर के नोखा क्षेत्र में हुआ था। उनका परिवार बिश्नोई समाज से आता है, जो पर्यावरण और समाज सेवा के लिए जाना जाता है। प्रियंका का पालन-पोषण एक सशक्त महिला के रूप में हुआ, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने पिता का सपना पूरा करने की ठानी थी।
शुरुआती जीवन और शिक्षा (Early Life and Education)
प्रियंका बिश्नोई की शिक्षा की शुरुआत नोखा में हुई। वह बचपन से ही होशियार छात्रा थीं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू की। उनके पिता रक्षपाल बिश्नोई ने उन्हें हमेशा सरकारी अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था, क्योंकि वे खुद इस सपने को पूरा नहीं कर पाए थे। प्रियंका ने अपने पिता के सपने को अपना बनाया और कड़ी मेहनत से राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में सफलता पाई।
Priyanka Bishnoi की शिक्षा और करियर (Education and Career)
प्रियंका ने बी.टेक की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट गईं। 2013 में, उन्होंने RAS परीक्षा पास की और 77वीं रैंक हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2016 में पुनः RAS परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने और भी बेहतर प्रदर्शन किया और एसडीएम (SDM) का पद प्राप्त किया।
उन्होंने डूंगरपुर, चुरू और विजयनगर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं। हाल ही में उनका तबादला जोधपुर में किया गया था, जहां उन्हें 15 अगस्त 2024 को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया था। उनके काम ने उन्हें न सिर्फ एक सफल अधिकारी, बल्कि एक समाज सेवा से जुड़े व्यक्तित्व के रूप में भी पहचान दिलाई।
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम | प्रियंका बिश्नोई |
जन्म तिथि | 8 अगस्त 1991 |
आयु | 33 वर्ष |
जन्म स्थान | नोखा, बीकानेर |
ससुराल | सुरपुरा, फलोदी |
पति का नाम | विक्रम सिंह (आबकारी इंस्पेक्टर) |
पिता का नाम | रक्षपाल बिश्नोई |
शिक्षा | B.Tech |
पद | SDM (RAS) |
प्रेरणा स्रोत: नारी शक्ति की मिसाल (A Source of Inspiration for Women)
Priyanka Bishnoi ने न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया, बल्कि वह महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गईं। एक पुरुष-प्रधान समाज में, उन्होंने यह दिखा दिया कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनका जीवन संदेश था कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं, यदि उन्हें सही दिशा और प्रोत्साहन मिले।
प्रियंका बिश्नोई का व्यक्तिगत जीवन (Personal Life of Priyanka Bishnoi)
प्रियंका का विवाह विक्रम सिंह से हुआ था, जो राजस्थान के आबकारी विभाग में इंस्पेक्टर हैं। शादी के बाद भी प्रियंका ने अपने करियर में निरंतर आगे बढ़ते हुए अपने पति और परिवार का समर्थन प्राप्त किया। उनका व्यक्तिगत जीवन समाज में आदर्श के रूप में देखा जाता था, क्योंकि वे कार्यक्षेत्र और परिवार के बीच संतुलन बनाकर चलती थीं।
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प्रियंका बिश्नोई का निधन (Priyanka Bishnoi’s Tragic Death)
प्रियंका बिश्नोई की असामयिक मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। वह कुछ समय से पेट की बीमारी से जूझ रही थीं, जिसके इलाज के लिए उन्हें जोधपुर के वसुंधरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्थिति बिगड़ने के बाद, उन्हें अहमदाबाद के CIMS अस्पताल में रेफर किया गया, जहाँ 18 सितंबर 2024 को उनका निधन हो गया।
परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। प्रियंका के ऑपरेशन के दौरान ज्यादा एनेस्थीसिया दिए जाने के कारण उनकी हालत और बिगड़ गई थी। वह कोमा में चली गईं और अंततः ब्रेनडेड हो गईं।
यह घटना पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख गई। प्रियंका बिश्नोई के निधन ने समाज में एक गहरी छाप छोड़ी, और उनका जाना एक अपूरणीय क्षति साबित हुआ।
प्रियंका बिश्नोई की उपलब्धियाँ (Achievements of Priyanka Bishnoi)
प्रियंका ने अपनी मेहनत से कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि उन्होंने अपनी मेहनत से अपने पिता का सपना पूरा किया और समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत किया। वह महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बन गईं, जिन्होंने अन्य महिलाओं को सरकारी सेवाओं में आने के लिए प्रेरित किया।
- RAS परीक्षा में 77वीं रैंक (2013)
- 2016 में RAS परीक्षा में सफल होकर SDM बनीं
- डूंगरपुर, चुरू, और विजयनगर में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य किया
- 15 अगस्त 2024 को जोधपुर में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित
प्रियंका बिश्नोई के निधन पर समाज की प्रतिक्रिया (Society’s Reaction to Priyanka’s Death)
प्रियंका बिश्नोई के निधन ने न केवल उनके परिवार, बल्कि उनके सहयोगियों और पूरे बिश्नोई समाज को गहरे शोक में डाल दिया। उनकी असमय मृत्यु से सभी स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का तांता लगा हुआ है, और कई लोगों ने उन्हें एक ईमानदार और समर्पित अधिकारी के रूप में याद किया है।
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निष्कर्ष (Conclusion)
प्रियंका बिश्नोई का जीवन एक उदाहरण है कि किस प्रकार मेहनत, लगन और समर्पण से कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि वे महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरीं। उनकी कहानी आज भी हजारों युवाओं को प्रेरित करती है कि कभी भी हार मत मानो, चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं। प्रियंका का जाना समाज के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनका प्रेरणादायक जीवन हमेशा याद रखा जाएगा।